किसानों ने जानीं कृषि की नई तकनीक

 

दमोह से अखिलेश सिंह घोष। मानसून आधारित कृषि में किसानों को नुकसान से बचाने एवं नई तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्य एकलव्य विश्वविद्यालय परिसर में कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया।


भारत की अधिकांश जनता कृषि पर आधारित है। पिछले कुछ समय से सही समय पर मानसून न आने के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। किसानों के लिए आवश्यक है कि वह कृषि की नई पद्धति और बारीकियों को सीखें जिससे किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। कुछ ऐसे ही उद्देश्य और प्रयोजन को लेकर एकलव्य विश्वविद्यालय एवं ओजस्विनी कृषि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में कृषि कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें उत्तराखंड से आए कृषि विशेषज्ञ प्रतीक उनियाल ने किसानों से विभिन्न बारीकियों और नई पद्धतियों के बारे में चर्चा की। कार्यशाला के आयोजक सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि एकलव्य गौसंवर्धन न्यास द्वारा कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के प्रगतिशील किसान भाइयों ने सम्मिलित होकर कृषि बेहतर कृषि कार्य के तरीके जाने और समझे हैं। जिससे भविष्य में कृषि के क्षेत्र में बेहतर परिणाम देखने मिलेंगे।


समाधान खोजना होंगे


कृषि विशेषज्ञ प्रतीक उनियाल ने कहा कि आज जो कार्यशाला हुई है उसमें दो चीजों पर विशेष बात हुई है। पहली कि किसान कैसे खेती किसानी को आगे बढ़ा सकता है और दूसरा कि हम उनके लिए क्या समाधान दे सकते हैं। कार्यशाला में यह भी बात हुई कि हमारे पास उन्नत कृषि के लिए क्या संसाधन हैं? यहां की स्थिति के हिसाब से अभी जो हम फसल ले रहे हैं उसके अलावा भी हम और कौन सी फसलें ले सकते हैं ? आज किसानों से चर्चा करने के बाद यह बात महसूस हुई की हमें इस प्रकार की कार्यशाला आगे भी करते रहना होगी। जिससे और भी जो समस्याएं हैं वह हम समझ सकें और उनके लिए हम क्या समाधान खोज सकते हैं उस पर बात हो सके। कार्यशाला में विभिन्न ग्रामों के बड़े, मध्यम वर्गीय किसान सम्मिलित हुए और उन्होंने अपने समस्याओं और अपने अनुभव साझा किए।

Source : https://bhaskar-news.in/?p=376