एकलव्य विश्वविद्यालय के जय भारत पिरामिड ध्यान केंद्र में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा छह दिवसीय ध्यान शिविर का शुभारंभ एकलव्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सुधा मलैया, कुलपति प्रो.डॉ. पवन कुमार जैन,कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी के शिष्य योग प्रशिक्षक श्री प्रशांत आजादी, श्री अभिनंदन मोदी, श्री अतुल चौबे एवं श्री सतीश जैन जी की गरिमामय उपस्थिति में शुरू हुआ। शुरुवात में विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया ने 30 मिनट का ध्यान करवाकर योग के गूढ़ रहस्यों को प्रतिपादित किया एवम आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों के साथ-साथ सभी जन मानस को योग के रहस्य का ज्ञानार्जन एवम योग को जीवन का हिस्सा बनना चाहिए,जिससे सभी निरोगी हों। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी संकायों के अधिष्ठाता,विभागाध्यक्ष एवम प्राध्यापकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। योग प्रशिक्षक श्री प्रशांत आजादी ने बताया कि 6 दिनों में अपने जीवन को सुखद और समृद्ध बनाया जा सकता है एवम प्रभावी एवं शक्तिशाली युक्तियों के माध्यम से अपने आप को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाया जा सकता है। इस छह दिवसीय शिविर के लाभ बताते हुए योग प्रशिक्षक ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इन क्रियाओं का विशेष योगदान होता है,साथ ही साथ बेहतर स्वास्थ्य, एकाग्रता में वृद्धि एवं प्रसन्न चित्त रहने के लिए इन क्रियाओं का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान की आपाधापी वाली जिंदगी में हर व्यक्ति को सुख शांति की चाहत होती है जो कि सुदर्शन क्रिया से ही संभव है। अतः इस क्रिया के माध्यम से डर,बेचैनी, अनिद्रा आदि से छुटकारा पाया जा सकता है। पिरामिड ध्यान केंद्र में आर्ट ऑफ लिविंग के इस छह दिवसीय कार्यशाला का प्रथम सत्र मंगलवार दिनांक 30 नवंबर 2021 से 5 दिसंबर 2021 तक प्रातः 7:00 से लेकर 9:00 बजे तक होगा।