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एकलव्य विश्वविद्यालय एवम आर्ट ऑफ लिविंग के संयुक्त तत्वावधान में जय भारत पिरामिड ध्यान मंदिर में चल रहे छह दिवसीय ध्यान शिविर का समापन एकलव्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सुधा मलैया, कुलपति प्रो.डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा एवं आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी के शिष्य योग प्रशिक्षक प्रशांत असाटी, अभिनंदन मोदी, अतुल चौबे एवं क्षितिज जैन की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस छह दिवसीय ध्यान शिविर में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, प्राध्यापकों के साथ-साथ विद्यार्थियों की भी उपस्थिति रही। इस ध्यान शिविर में उज्जायी एवम भस्रिका का अभ्यास कराया गया। वात, पित्त, कफ से होने वाले रोगों के निवारण हेतु अनेक प्रकार से सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कराया गया, जिससे सभी लोग रोग मुक्त रहें। इसी क्रम में मंत्र सहित सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हुए मंत्र स्नान भी कराया गया। इन क्रियाओं को करने से शरीरिक एवम मानसिक व्याधियाँ नष्ट हो जाती हैं।चतुर्दिक से प्राप्त होने वाले नकारात्मक विचारों को तत-तत दिशाओं में साधना क्रिया के माध्यम से वापस भेज दिया गया। इन गूढ़ साधनोपरांत संवाद के माध्यम से प्राप्त होने वाली जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया द्वारा जीवन को सुखमय खुशहाल बनाने हेतु योग और ध्यान को अपने प्रतिदिन के व्यवहार में उतारने के लिए संकल्पित कराया गया साथ ही जीवन में सेवाभाव की भावना को आत्मसात करते हुए लोका समस्ताः सुखीनो भवन्तु अर्थात सभी सुखी हों, ईश्वर से ऐसी प्रार्थना की गई। समापन के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षकों का एकलव्य विश्वविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत,अभिनंदन एवम पौधा देकर सम्मान किया गया।