एकलव्य विश्वविद्यालय में आयोजित हिंदी सप्ताह का समापन

हिंदी विभाग, एनएसएस एवं एनसीसी इकाई के संयुक्त तत्ववावधान में हिंदी के प्रसार हेतु ली गयी शपथ

एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह में 7 सितंबर 2024 से 13 सितंबर 2024 तक हिंदी भाषा के प्रसार हेतु हिंदी सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसका समापन आज विश्वविद्यालय के कुलगुरू की उपस्थिति में किया गया। हिंदी सप्ताह का आयोजन एकलव्य विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति श्रीमती पूजा मलैया, श्रीमती रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवं कुलगुरू प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के निर्देशन में यह आयोजन किया गया। इस हिंदी सप्ताह कार्यक्रम में अलग अलग दिवस में निबंध लेखन, स्वरचित काव्य पाठ, तत्कालिक भाषण,जागरूकता रैली के साथ ही व्याख्यान का आयोजन किया गया।

हिंदी सप्ताह समापन के अवसर पर एकलव्य विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरू प्रोफ़ेसर डॉ. पवन कुमार जैन, कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. प्रफुल्ल शर्मा, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री संतोष जी एवं श्री विकास जी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शैलेन्द्र जैन, एनसीसी केयर टेकर अधिकारी डॉ. हृदय नारायण तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. सुधीर गौतम, श्रीमती ज्योति कुर्मी के साथ ही फिजिकल इंस्ट्रक्टर श्री साहिल कुर्मी की उपस्थिति रही। कुलगुरू प्रो. जैन ने सभी युवाओं को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करते हुए हिंदी को व्यवहार में उतारने तथा अनुशासनपूर्ण जीवन जीने की बात कही गई। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शैलेन्द्र जैन ने भी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मातृ भाषा एवं भारतीय संस्कृति आधारित आचरण करने की बात कही।

विशिष्ट अतिथि श्री संतोष जी ने हिंदी को सहज एवं सरल भाषा बताते हुए हिंदी भाषा के प्रति सजग रहने की बात कही गयी। कार्यक्रम के अंत में एनसीसी केयर टेकर अधिकारी डॉ. हृदय नारायण तिवारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि हम सभी को उच्च आदर्श स्थापित करना चाहिए। यह कार्य तभी संभव है जब हम सभी अपनी मातृभूमि एवं मातृभाषा के प्रति संवेदनशील रहें, साथ ही एनसीसी एवं एनएसएस इकाई अपने ध्येय वाक्य एकता और अनुशासन तथा मैं नहीं आप को साकार करने की दिशा में सतत प्रयासरत है। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स के साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, स्वयं सेविकाओं एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

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