वैज्ञानिक दृष्टिकोण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह एवं ओं अर्हं सोशल वेलफेयर फाउंडेशन मंदसौर, मध्यप्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में विश्व के लिए योग ध्येय पर आधारित योग सिद्धांतों और अभ्यास का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ एकलव्य सभागार में हुआ। यह आयोजन एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ.सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति श्रीमती पूजा मलैया एवं श्रीमती रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवम कुलपति प्रोफेसर डॉ.पवन कुमार जैन एवं कुलसचिव डॉ.प्रफुल्ल शर्मा के निर्देशन में किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ अर्हं योग प्रणेता मुनिश्री प्रणम्य सागर के चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, जिनवाणी स्तुति एवम विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती के चरणों में प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, मुख्य अतिथि देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर की कुलपति प्रो. डॉ. रेणु जैन, एकलव्य विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. डॉ. पवन कुमार जैन, ओं अर्हं सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री नयन जैन एवं अधिष्ठाता प्रो.ऋषभ चंद्र जैन के गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।अतिथियों का स्वागत पौधा एवम स्मृति चिन्ह देकर किया गया। स्वागत उद्बोधन एकलव्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.पवन कुमार जैन द्वारा दिया गया। विशिष्ट अतिथि श्री नयन जैन ने अर्हं योग पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रो. रेणु जैन ने योग की महिमा एवं उपयोगिता को रेखांकित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सुधा मलैया ने योग के सभी दर्शनों को पटल पर रखते हुए ध्यान योग पर बल दिया। इसके बाद आचार्यश्री विद्या सागर जी मुनिराज के परम प्रवाहक शिष्य, अर्हं योग प्रणेता मुनिश्री प्रणम्य सागर जी द्वारा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर अर्हं योग को जन जन तक पहुँचाने तथा योग से आत्म तत्व को प्राप्त करने की बात कही। साथ ही इसे व्यावहारिक जीवन में उतारने पर जोर देते हुए कार्यक्रम की सफलता का आशीर्वाद दिया गया। द्वितीय तकनीकी सत्र में अध्यक्षता कर रहीं श्री अटल बिहारी बाजपेई कला महाविद्यालय, इंदौर से अधिष्ठाता डॉ. संगीता मेहता एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. जी पी चंद्रवंशी, श्री आशीष पटेल, श्री नयन जैन एवं डॉ. रुचि जैन ने अलग अलग योग दर्शनों पर वक्तव्य दिए। तृतीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के प्रो.अमित जी जैन एवम वक्ता के रूप में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से प्रो.कामता प्रसाद साहू, सीनियर रिसर्च फेलो सीसीआरएच, नई दिल्ली डॉ. निहारिका जैन, मोरारजी देशाई, नई दिल्ली से डॉ. खुशबू जैन ने अलग अलग विषयों पर वक्तव्य प्रदान किए।इसके बाद शोध पत्रों का वाचन किया गया।