सकारात्मक संकल्प के साथ जियें : मास्टर वंदना

एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह में एकलव्य पिरामिड स्पिरिचुअल क्लब के तत्वावधान में ध्यान द्वारा सभी रोगों के उपचार हेतु भोपाल से पधारे मास्टर जैन एवं टीम द्वारा विशेष व्याख्यान ‘सकारात्मक विचार एवं संकल्प शक्ति’ के साथ ही आनापानसति ध्यान कराया गया। यह आयोजन एकलव्य विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. सुधा मलैया, प्रति कुलाधिपति श्रीमती पूजा मलैया, श्रीमती रति मलैया के कुशल नेतृत्व एवं कुलपति प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार, कुलसचिव डॉ. प्रफुल्ल शर्मा के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।इसके बाद अतिथियों का स्वागत तुलसी का पौधा एवं साल देकर किया गया। अधिष्ठाता अकादमिक डॉ. अर्चना पाठक के संयोजन में यह विशेष ध्यान शिविर एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया। भोपाल पीएसएसएम से जुड़ी मास्टर वंदना जैन ने बताया कि इस ध्यान क्रिया के माध्यम से हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सकारात्मक बना सकते हैं। प्रतिदिन नियमित अभ्यास के माध्यम से असाध्य रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। हमें अपने सासों पर नियंत्रण करते हुए सभी चक्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।इससे हमारे सभी चक्र जागृत होकर ऊर्जा का संचार करते हैं। मास्टर वंदना जैन विगत 2021 वर्षों से ध्यान यात्रा पर निकल कर ‘बुद्ध बनो एवं मास्टर बनो’ के माध्यम से भोपाल सेंट्रल जेल में बंद लगभग 1500 कैदियों के जीवन को बदल दिया है। इनके साथ आशा रोमन जिन्होंने डीजीएम पद से सेवानिवृत्त के बाद इस आध्यात्मिक यात्रा को जन जन तक पहुँचाने में सहयोग कर रही हैं, इन्होंने भी ध्यान से हुए लाभ के बारे में अनुभव साझा किया। साथ ही भोपाल से ही पधारे हार्दिक जी ने भी ध्यान की बारीकियों को रेखांकित किया।इस अवसर पर अधिष्ठाता अकादमिक डॉ. अर्चना पाठक, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शैलेन्द्र जैन के साथ ही सभी संकायों के संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों के साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अर्चना पाठक ने ध्यान सत्र में जुड़े सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय परिसर स्थित पिरामिड़ में प्रतिदिन ध्यान करके अपने आत्म स्वरूप को जानने का आग्रह किया गया।

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